घटक – गौघृत, केसर, सोंठ, दालचीनी, छोटी इलायची, जायफल, बिदारीकंद, खरैटी बीज, वंश लोचन, रस सिंदूर, वगभस्म, प्रवाल पिंटी इत्यिादी।
लाभ – दिमाग व हृदय कमजोरी, शुक्र, क्षय, पित विकार, नेत्र व सिरों में लाभकारी, कब्ज में रामबाण का काम करता है।
बादाम पाक आयुर्वेद का महत्वपूर्ण पाक है इसको बनाने में बादाम गिरी देसी गाय के दूध से बिलोया घी केसर जावित्री जायफल सोंठ मिर्च पीपल लॉन्ग छोटी इलायची कोंच बीज विदारी कंद सफेद मुसली खरेंटी बीज सालम मिश्री सतावर कमलगट्टा दालचीनी शुद्ध ऑर्गेनिक खांड वंसलोचन रससिंदुर वंगभसम परवालपिस्ती आदि जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है
उपयोग आयुर्वेद के अनुसार यह दिमाग और हृदय की कमज़ोरी शुक्रक्षय पित विकार नेत्र विकार और सिरोरोग में लाभकारी है इसका प्रयोग आधे सिर दर्द भयंकर सिर दर्द कब्ज आदि रोगों में भी सफलतापूर्वक किया जाता है दिमागी काम करने वालों को इस पाक का सेवन अवस्य करना चाहिए किसी किसी को सिर दर्द का दौरा सा होता है महीना दो महीना या इस से ज्यादे दिन पर सिर में दर्द प्रारंभ हो जाता है यह दर्द इतना तेज होता है कि रोगी बैचेन हो जाता है इसका एक कारण बद्धकोष्ठ भी है उन रोगियों के लिए यह बहुत मुदीफ दवा है सिर दर्द का नाश करना इसका मुख्य काम है फिर वो चाहे पैत्तिक हो या वातिक